Wednesday, February 24, 2010

कुछ इस तरह से होली मनाएं।

लोगों के चेहरो पर रंग
घुलने लगा है फिजा में भी
बात साल भर की है
होगी मनाही भी कैसे,

टेसू की टहनियों पर कुछ नया और रंगीन सा है
फिजा में उड़ने वाले सारे कण भी तो
हरे, नीले, गुलाबी, पीले, गुलाबी और लाल से ही नजर आ रहे है
बच्‍चों के चेहरे और दूल्‍हों के शेहरों पर भी रंग है

रंगों के और भी तो रंग है
जो कि नई नवेली दुल्‍हनों की हथेलियों, और
दुनिया में आए नए नवेले मेहमानों के संग है,

रंग लगाए प्‍यार का और संग प्‍यार के
कोई न छूटे, न कोई बचे, यह फर्ज मान के
चेहरा किसी का भी रोजाना की तरह से न हो
यह मन में ठान के,

तन भी, मन भी और पॉकेट में रखा धन भी
हम भी, तुम भी, आप भी और जो घरों में छुपे है वो भी
सब एक साथ दिलों को रंगीन बनाएं
और हर आने जाने वाले पर इसको बरसाएं

कुछ इस तरह से होली मनाएं।

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