Saturday, September 13, 2008

तमन्‍नाओं से भरा संसार हमारा,
सपनों से सजा संसार हमारा,
ये गंदा है या अच्‍छा है
इसका तो हमें ज्ञान नहीं
हम कुछ भी कर सकते है
लेकिन दिल दुखाना हमारा काम नहीं
दिल से निकल कर दिल तक पहुंचने वाली आवाज
आज क्‍यों सुनाई नहीं देती
ये तेरा ये मेरा
क्‍यों नहीं चैन से बसेरा
कोई मिलता है खे जाने का डर साथ लाता है
कोई खोता है तो मिलने की खुशी क्‍यों नहीं देता ?