आज मेरे आंगन में
कौन है
और उसके संग कौन है?
क्यों छाया चारों ओर मौन है?
क्यों अंधेरा घनघोर है?
क्यों कोई आवाज मुझे सुनाई नहीं देती है
ऐसा क्या हो गया है
पता नहीं चल रहा है
क्या कोई मुझे बताएगा कि
उजियारा लेकर कौन आएगा
क्या किसी का इंतजार है
क्या सारे इंतजाम बेकार हुए है
कोई तो बता दो यार मेरे आंगन में कौन है
लगता है मेरे जाने की बारी है
ये तो भईया मौत है
जिससे सब की यारी है।
हर हाल में वादा निभाती है
सबको साथ लेकर जाती है।
Wednesday, January 7, 2009
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