न कोई बात इस पल की
न आज की न कल की
ये तो जिंदगी का फसाना है
जो उम्र भर गुन गुनाना है
न जाने कितने जा चुके है
एक और नया आ रहा है
जिसके आने की आहट से
सभी का मन मुस्कुरा रहा है
आओ, इसका स्वागत करे
देखो नया साल आ रहा है
क्या क्या हो, इस साल में
बचपन से जवानी, जनाने संग जनानी
सब के मन की बातें होगी
अब न काली रातें होगी
आने वाले साल में
हर बहना का भाई होगा
सबके संग साईं होगा
कहीं भी न रूसवाई होगी
आने वाले साल में
सबके मन में फूल खिलेंगे
सभी को ढ़ेरों नोट मिलेंगे
हर ख्वाहिश जो पूरी होगी
आने वाले साल में
दंगे वाला नंगा होगा
कहीं भी अब न पंगा होगा
सारा आलम चंगा होगा
आने वाले साल में
महंगाई और मारामारी
कहां जाएंगी ये बेचारी
होगी केवल खुशी की बारी
आने वाले साल में
झोला सीं लो और बड़ा
फल गिरेगा धड़ा धड़ा
प्यार करो और काम करो
मस्त रहो आराम करो
आने वाले साल में
नया नवेला साल
करने सबको माला माल
बहुत तेज है जिसकी चाल
रखो अपने को संभाल
और मौज करो
Monday, December 29, 2008
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