खुद को समझ पाना इतना आसन नहीं लगता, ये एक अनंत सा है। कभी तो सारी दुनिया की सच्चाई समझ में आ जाती है और अगले ही पल अपने में उलझ कर रह जाता हूं। इस दुनिया में कुछ भी न जानने वाले जिज्ञासु बच्चों के मन में उठते नित नए सवालों और पल पल में बदलते विचारों जैसा चलायमान मैं खुद को पाता हूं।
1 comment:
अगर बुरा न माने तो एक सुझाव है - अंग्रेजी लफ़्ज़ busy का सही अनुवाद (तर्जुमा) होना चाहिए - मसरूफ जबकि गलती से मशरूफ लिख गया है.
अवध लाल
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