खुद को समझ पाना इतना आसन नहीं लगता, ये एक अनंत सा है। कभी तो सारी दुनिया की सच्चाई समझ में आ जाती है और अगले ही पल अपने में उलझ कर रह जाता हूं। इस दुनिया में कुछ भी न जानने वाले जिज्ञासु बच्चों के मन में उठते नित नए सवालों और पल पल में बदलते विचारों जैसा चलायमान मैं खुद को पाता हूं।